व्यवकलन, गुणन, विभाजन, समीकरण, युगपत् समीकरण, आंशिक भिन्न आदि से
3.
उपरोक्त समीकरणों के साथ आंशिक भिन्न में बदलकर समाकलन की विधि का प्रयोग करके किसी भी परिमेय फलन का समाकल निकाला जा सकता है
4.
उपरोक्त समीकरणों के साथ आंशिक भिन्न में बदलकर समाकलन की विधि का प्रयोग करके किसी भी परिमेय फलन का समाकल निकाला जा सकता है:
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आगे...वैदिक अंकगणित वीरेंद्र कुमार, शैलेन्द्र भूषण पृष्ठ 154 मूल्य $ 10.95अंकगणित के क्षेत्र में वैदिक गणित की उपयोगिता... आगे...वैदिक बीजगणित वीरेंद्र कुमार, शैलेन्द्र भूषण पृष्ठ 180 मूल्य $ 10.95बीजगणित के प्रारम्भिक प्रकरणों-बहुपदों के योग, व्यवकलन, गुणन, विभाजन, समीकरण, युगपत् समीकरण, आंशिक भिन्न आदि का आसान वैदिक रीति से हल... आगे...ऋतुसंहार मूलचन्द्र पाठक पृष्ठ 160 मूल्य $ 12.95प्रस्तुत है पुस्तक ऋतुसंहार...